Wednesday, May 13, 2020

चार्ल्सवुड समिति – 1854

(1) शिक्षा के प्रसार का दूसरा चरण लार्ड डलहौजी के समय में शुरु हुआ।
(2) 1853 के चार्टर एक्ट में भारत में शिक्षा के विकास की जांच के लिए एक समिति के गठन का प्रावधान किया गया, जिसे "चार्ल्स वुड समिति" का नाम दिया गया।
(3) सर चार्ल्स वुड उस समय ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी के “बोर्ड ऑफ कन्ट्रोल” के सभापति थे।
(4) चार्ल्स वुड की अध्यक्षता में गठित इस समिति ने 1854 में भारत में भावी शिक्षा के लिए वृहत योजना तैयार की और भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लार्ड डलहौजी को अपना सुझाव-पत्र भेजा, जिसमें अखिल भारतीय स्तर पर शिक्षा की नियामक पद्धति का गठन किया गया था।
(5) वुड का आदेश पत्र या वुड का घोषणापत्र (वुड्स डिस्पैच) सर चार्ल्स वुड द्वारा बनाया गया "सौ अनुच्छेदों" का लम्बा पत्र था जो 1854 में आया था।
(6) इसमें भारतीय शिक्षा पर विचार किया गया और उसके सम्बन्ध में सिफारिशें की गई थीं।
(7) चार्ल्स वुड के डिस्पैच को भारतीय शिक्षा का "मैग्नाकार्टा" कहा जाता है।
(8) वुड के डिस्पैच की सिफारिशों के प्रभाव में आने के बाद "अधोमुखी निस्पंदन सिद्धांत" (Downward filtration principle) समाप्त हो गया।
(9) डिस्पैच की प्रमुख सिफारिशें निम्नलिखित हैं-
  • सरकार पाश्चात्य शिक्षा, कला, दर्शन, विज्ञान और साहित्य का प्रसार करे।
  • इसमें उच्च शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी तथा स्कूल स्तर की शिक्षा का माध्यम देशी भाषाओं को बनाये जाने का सुझाव दिया गया। 
  • इसमें इस बात पर बल दिया गया कि सरकारी शिक्षण संस्थानों में दी जाने वाली शिक्षा धर्मनिरपेक्ष हो।
  • देशी भाषाई प्राथमिक पाठशालायें स्थापित की जायें और उनके ऊपर (जिला स्तर पर) ऐंग्लो-वर्नेकुलर हाईस्कूल और संबंधित कालेज खोले जाये।
  • अध्यापकों के प्रशिक्षण हेतु अध्यापक प्रशिक्षण संस्थाओं की स्थापना की जाये अर्थात प्रत्येक प्रांत में एक ‘लोक शिक्षा विभाग’ की स्थापना की जाये।
  • इसमें "स्त्री शिक्षा" तथा "व्यावसायिक शिक्षा" की आवश्यकता पर बल दिया तथा तकनीकी विद्यालयों एवं अध्यापक प्रशिक्षण संस्थाओं की स्थापना की सिफारिशें की गई।
  • शिक्षा क्षेत्र में निजी प्रयासों को प्रोत्साहन देने हेतु अनुदान सहायता की पद्धति चलाने की योजना।
  • कंपनी ने 5 प्रांत-बंगाल,मद्रास,बंबई,उत्तरी-पश्चिमी सीमा प्रांत और पंजाब में एक-2 शिक्षा विभाग के निर्माण की योजना जो लोक शिक्षा निदेशक के अधीन कार्य करेगा।
  • लंदन विश्वविद्यालय के आधार पर कलकत्ता,बंबई और मद्रास में तीन विश्वविद्यालय स्थापित करने की योजना जिनका मुख्य कार्य परीक्षाएँ संचालित करना हो।
  • शिक्षा क्षेत्र में निजी प्रयत्नों का प्रोत्साहित करने के लिये अनुदान सहायता (Grant-in-aid) की पद्धति चलाने की सिफारिश भी इसमें की गई।
  • इसमें सरकार से कहा गया कि वह जनसाधारण की शिक्षा का उत्तरदायित्व स्वयं वहन करें।

(10) वुड डिस्पैच के आधार पर 1857 में कलकत्ता, बंबई व मद्रास में विश्वविद्यालय खोले गए तथा कुछ समय बाद सभी प्रांतों में शिक्षा विभाग का गठन भी कर दिया गया।
(11) स्त्री शिक्षा के क्षेत्र में ‘बेथुन स्कूल’ की स्थापना भी एक सार्थक परिणाम रही।
(12) चार्ल्स वुड द्वारा अनुमोदित विधियाँ व आदर्श लगभग 50 वर्षों तक प्रभावी रहे।
(13) इस प्रकार ‘वुड्स डिस्पैच’ भारत की भावी शिक्षा के विकास हेतु एक क्रांतिकारी दस्तावेज साबित हुआ।

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