Sunday, August 31, 2025

साझेदारी के 50 महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर

साझेदारी से संबंधित 50 महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर

  1. साझेदारी क्या है -- दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच लाभ कमाने के उद्देश्य से किया गया समझौता साझेदारी कहलाता है।
  2. साझेदारी अधिनियम कब लागू हुआ -- साझेदारी अधिनियम 1932 में लागू हुआ।
  3. साझेदारी का मुख्य उद्देश्य क्या है -- लाभ कमाना एवं साझा करना।
  4. साझेदारी समझौते को क्या कहते हैं -- साझेदारी विलेख।
  5. साझेदारी अधिनियम 1932 में कुल कितनी धाराएँ हैं -- कुल 74 धाराएँ।
  6. बैंकिंग व्यवसाय में साझेदारी की अधिकतम सीमा कितनी है -- 10 साझेदार।
  7. सामान्य व्यवसाय में साझेदारी की अधिकतम सीमा कितनी है -- 20 साझेदार।
  8. साझेदारी अधिनियम, 1932 की धारा 4 किससे संबंधित है -- साझेदारी की परिभाषा से।
  9. क्या साझेदारी विलेख लिखित होना अनिवार्य है -- नहीं, यह मौखिक भी हो सकता है।
  10. साझेदारी विलेख का पंजीकरण अनिवार्य है या नहीं -- नहीं, यह वैकल्पिक है।
  11. साझेदारी फर्म को क्या कहा जाता है -- व्यक्तियों का समूह।
  12. साझेदारी में लाभ-हानि किस आधार पर बाँटा जाता है -- साझेदारी विलेख के अनुसार।
  13. साझेदारी विलेख न होने पर लाभ-हानि का बँटवारा कैसे होता है -- समान रूप से।
  14. साझेदारी में न्यूनतम कितने सदस्य होने चाहिए -- कम से कम 2।
  15. साझेदारी में अधिकतम सीमा कहाँ दी गई है -- भारतीय कंपनी अधिनियम में।
  16. साझेदारी फर्म की पंजीकरण प्रक्रिया किसके अधीन होती है -- फर्मों के पंजीयक के अधीन।
  17. साझेदारी का पंजीकरण किस धारा के अंतर्गत होता है -- धारा 58।
  18. साझेदारी के पंजीकरण का प्रमाण क्या है -- पंजीकरण प्रमाणपत्र।
  19. साझेदारी विलेख को किस पर लिखा जाता है -- स्टाम्प पेपर पर।
  20. साझेदारी विलेख में क्या-क्या लिखा जाता है -- साझेदारों का विवरण, पूंजी, लाभ-हानि बाँटने का अनुपात आदि।
  21. साझेदारी की समाप्ति को क्या कहते हैं -- विघटन।
  22. साझेदारी का विघटन किस धारा में है -- धारा 39 से 47 तक।
  23. साझेदारी फर्म को कौन पंजीकृत करता है -- फर्मों का पंजीयक।
  24. साझेदारी के पंजीकरण का क्या लाभ है -- कानूनी सुरक्षा प्राप्त होती है।
  25. पंजीकृत फर्म कौन-कौन पर दावा कर सकती है -- साझेदारों तथा तीसरे पक्ष पर।
  26. अपंजीकृत फर्म की सीमा क्या है -- यह किसी पर दावा नहीं कर सकती।
  27. साझेदारी विलेख में परिवर्तन कैसे होता है -- आपसी सहमति से।
  28. साझेदारी की समाप्ति कब-कब हो सकती है -- समय की समाप्ति, उद्देश्य की पूर्ति, साझेदार की मृत्यु आदि पर।
  29. साझेदारी में असीमित देयता किसकी होती है -- सभी साझेदारों की।
  30. साझेदारी का प्रमुख आधार क्या है -- आपसी समझौता।
  31. साझेदारी को अन्य किस नाम से जाना जाता है -- फर्म।
  32. साझेदारी की समाप्ति पर ऋण का भुगतान किस प्रकार किया जाता है -- फर्म की संपत्ति से।
  33. साझेदारी अधिनियम की धारा 12 किससे संबंधित है -- साझेदारों के अधिकार व कर्तव्यों से।
  34. साझेदारी अधिनियम की धारा 13 किससे संबंधित है -- साझेदारों के परस्पर संबंधों से।
  35. साझेदारी अधिनियम की धारा 18 किससे संबंधित है -- साझेदार की एजेंसी से।
  36. साझेदारी अधिनियम की धारा 25 किससे संबंधित है -- साझेदार की देयता से।
  37. साझेदारी की समाप्ति के पश्चात फर्म को क्या करना पड़ता है -- परिसमापन।
  38. साझेदारी की न्यूनतम सीमा क्यों है -- क्योंकि यह एकल स्वामित्व से अलग है।
  39. साझेदारी में अधिकतम सीमा क्यों है -- ताकि फर्म बड़ी कंपनी का रूप न ले।
  40. साझेदारी फर्म का कराधान कैसे होता है -- आयकर अधिनियम के अनुसार।
  41. साझेदारी में लाभ किसे मिलता है -- सभी साझेदारों को।
  42. साझेदारी में हानि कौन वहन करता है -- सभी साझेदार।
  43. साझेदारी फर्म का पंजीकरण कहाँ होता है -- राज्य स्तर पर।
  44. क्या साझेदारी फर्म स्वतंत्र कानूनी इकाई होती है -- नहीं।
  45. साझेदारी में प्रत्येक साझेदार का स्थान क्या होता है -- सह-मालिक।
  46. साझेदारी का सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज कौन-सा है -- साझेदारी विलेख।
  47. साझेदारी में एजेंसी का सिद्धांत क्या है -- प्रत्येक साझेदार फर्म का प्रतिनिधि होता है।
  48. साझेदारी की समाप्ति पर शेष संपत्ति किसे मिलती है -- साझेदारों को।
  49. साझेदारी अधिनियम का प्रशासन कौन करता है -- राज्य सरकार।
  50. साझेदारी अधिनियम, 1932 किस अधिनियम से अलग किया गया था -- भारतीय अनुबंध अधिनियम से।